यदि कोई व्यक्ति बिज़नेस की फील्ड में सफल होना चाहता है, तो इसके लिए उसे बुध ग्रह की कृपा प्राप्त करनी होती है। बुध ही वह ग्रह है, जो व्यक्ति को एक सफल उद्यमी बनाने की क्षमता रखता है। ज्योतिषशास्त्र में बुध को बुद्धि का कारक माना गया है। बुध ग्रह कुछ समय के अंतराल में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इस दौरान वह वक्री, मार्गी, अस्त और उदित भी होते हैं।

अब बुध ग्रह 24 जुलाई 2025 को शाम 07 बजकर 42 मिनट पर कर्क राशि में अस्त होने जा रहे हैं। बुध ग्रह 18 जुलाई 2025 से लेकर 11 अगस्त 2025 तक चंद्रमा की राशि कर्क राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे। अर्थात बुध ग्रह अपने वास्तविक स्वरूप में न रहकर वक्री होने के कारण कुछ कमजोर स्थिति में रहेंगे। बुध ग्रह 24 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025 तक अस्त भी रहेंगे।
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कर्क राशि में बुध के अस्त होने से सभी राशियों के लोगों का जीवन प्रभावित होगा लेकिन किसी के लिए बुध का अस्त होना फायदेमंद साबित होगा, तो वहीं कुछ लोगों को इस दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें बुध के अस्त होने से नुकसान होने का डर है।
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इन राशियों को होगा नुकसान
मेष राशि
मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध ग्रह होते हैं। अब बुध ग्रह आपके चौथे भाव में अस्त हो रहे हैं। इस समय आपको मिलने वाले सकारात्मक परिणामों में कमी देखने को मिल सकती है। प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में भी परेशानियां बढ़ सकती हैं। मां की ओर से भी समस्या होने का डर बना हुआ है। परिवार में किसी वरिष्ठ के साथ अनबन होने की आशंका है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चौथे भाव के भी स्वामी बुध ग्रह होते हैं। इस बार बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। इस समय आपको नए आभूषण या वस्त्र नहीं खरीदने चाहिए। बच्चों का पढ़ाई से मन भटक सकता है। किसी से भी बात करते समय गलत शब्दों का प्रयोग करने से बचें। अपनी वाणी में मिठास लेकर आएं। स्वादिष्ट व्यंजनों को देखकर ललचाएं नहीं और अपनी प्रकृति के विरुद्ध जाकर कुछ न खाएं। आपको कई मामलों में सावधानियां बरतने की जरूरत है। आप रोज़ गणेश चालीसा का पाठ करें।
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कन्या राशि
कन्या राशि के लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ बुध ग्रह दशम भाव के भी स्वामी हैं और बुध ग्रह आपके लाभ भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। इसकी वजह से आपको मिलने वाले अच्छे परिणामों में कमी देखने को मिल सकती है। इस दौरान आपकी उपलब्धियों में कमी आ सकती है। व्यापारियों को अधिक समझदारी से काम लेना होगा। सेहत को लेकर भी लापरवाही न बरतें। संतान और दोस्तों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए आपको अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं।
तुला राशि
तुला राशि के भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली में दशम भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। इस समय अच्छाईयों में कमी देखने को मिल सकती है। अगर अब तक आपके प्रमोशन के योग बन रहे थे, तो अब इस काम में रुकावट आ सकती है। आपके कामों में कुछ अड़चने भी देखने को मिल सकती हैं। आपके मान-सम्मान में भी कमी आ सकती है।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि के पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध ग्रह आपके छठे भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। जो सकारात्मक परिणाम आपको अपने जीवन में मिल रहे थे, उनमें कमी आ सकती है। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का सबसे ज्यादा ख्याल रखना होगा। आप अपने शत्रुओं और विरोधियों को कम न समझें। आपको अपने मान-सम्मान की रक्षा करने की सलाह दी जाती है।
मीन राशि
मीन राशि के चौथे तथा सप्तम भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध ग्रह आपके पंचम भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। आपको मिलने वाले सकारात्मक परिणामों में कमी आ सकती है। अभी आप किसी भी योजना पर काम न करें। धन को लेकर लापरवाही करना भी ठीक नहीं है। बुध के अस्त होने का प्रभाव आपके लिए कुछ ऐसा हो सकता है कि आपको फायदा तो नहीं होगा लेकिन आपके नुकसान में कमी आ सकती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. बुध कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं।
उत्तर. बुध की नीच की राशि मीन है।
उत्तर. कन्या राशि में।