बुध कर्क राशि में वक्री: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं बुध कर्क राशि में वक्री से संबंधित यह खास ब्लॉग। 18 जुलाई 2025 की सुबह 09 बजकर 45 मिनट पर बुध कर्क राशि में वक्री हो रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि बुध के वक्री होने का स्टॉक मार्केट और देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, तर्क, वाणिज्य, सीखने और अनुकूलता का कारक हैं। सभी नौ ग्रहों में बुध को सबसे बुद्धिमान संदेशवाहक कहा जाता है। बुध सोच और तर्क का कारक हैं जबकि कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा चिंतन, सूर्य आदेश देने और मंगल कार्य करने का कारक हैं। ये ग्रह हमारी वाणी, सोचने के तरीके और जानकारी को समझने पर प्रभाव डालता है। बुध में कोई भावनाएं नहीं होती हैं। यह ग्रह तेज, तटस्थ और बुद्धिमान है। बुध ग्रह अपने आसपास के माहौल के अनुसार खुद को आसानी से ढाल लेता है। शुभ ग्रहों की मौजूदगी में बुध ग्रह लाभकारी प्रभाव देता है, वहीं अशुभ ग्रह के साथ होने पर अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है। इस वजह से अक्सर बुध ग्रह को ग्रहों का गिरगिट कहा जाता है। ये ग्रह आसपास के माहौल को दर्शाता है और इसका कोई निर्धारित लक्ष्य नहीं है।
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बुध कर्क राशि में: विशेषताएं
बुध ग्रह संचार, मन और विचारों का प्रतीक है। वहीं दूसरी ओर, कर्क जल तत्व की राशि है जिसका संबंध पोषण, भावनाओं और मन से होता है। बुध के कर्क राशि में होने पर हमारे विचार और भावनाएं बहुत ही सुंदर तरीके से एक साथ आ जाते हैं। बुध का कर्क राशि में होना भावनात्मक पहलू को दर्शाता है।
बुध निजी जीवन और करियर दोनों में ही संचार का प्रमुख घटक हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध कर्क राशि में होता है, उनकी बातों पर भावनाओं का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। यहां पर विस्तार से बताया गया है कि राशि चक्र में बुध की स्थिति बात करने के तरीके को कैसे प्रभावित करती है और यह कैसे एक आशीर्वाद के साथ-साथ समस्या बन सकती है।
- जिन जातकों की कुंडली में कर्क राशि में बुध होता है, वे जानकारी को समझने में अपनी भावनाओं का प्रयोग करते हैं।
- इनके अंदर चीज़ों कों बारीकी से देखने और समझने की क्षमता होती है जिसे दूसरे अनदेखा कर देते हैं।
- इनमें सहानुभूति की भावना बहुत मजबूत होती है जिससे ये लोगों को गहराई से समझ पाते हैं।
- जिनकी कुंडली में बुध कर्क राशि में बैठे होते हैं, उनकी बातों में दयालुता और ईमानदारी नज़र आती है।
- इन्हें संचार के तरीकों में बिना बोले या अप्रत्यक्ष संचार पसंद होता है।
- इनके लिए दूसरों की बात को सुनना भी उतना ही जरूरी है जितना की बोलना है।
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बुध कर्क राशि में वक्री का विश्व पर प्रभाव
- इस दौरान समाज के अविकसित वर्गों को सहायता देने के लिए शुरू की गई सरकारी योजनाओं में कमियां देखने को मिल सकती हैं।
- भारत एवं विश्व के अन्य हिस्सों में सरकारी नेता भावनात्मक बातों या भावनात्मक रूप से चालाकी भरी बातों से लोगों को लुभाने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन बुध कर्क राशि में वक्री होने के कारण वे ऐसा करने में विफल हो सकते हैं।
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अध्यात्म, शिक्षा, काउंसलिंग और मेडिसिन
- बुध कर्क राशि में वक्री से आध्यात्मिक गुरुओं, ज्योतिषियों, सलाहकारों आदि को अधिक लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
- इस दौरान आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र आगे आ सकता है।
- बुध के कर्क राशि में वक्री होने के दौरान स्टॉक मार्केट और सट्टा बाज़ार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
- दुनियाभर में लोग आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में अधिक शामिल होंगे।
- संचार, मीडिया आदि के क्षेत्रों में काम करने वाले लोग इस समयावधि में औसत प्रदर्शन कर सकते हैं।
- बुध के वक्री होने से आध्यात्मिकता के नाम पर धोखाधड़ी के मामले बढ़ सकते हैं।
- निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अपनी नौकरी जाने का डर सता सकता है या फिर करियर में उनकी प्रगति अस्थिर हो सकती है।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
बुध कर्क राशि में वक्री: स्टॉक मार्केट रिपोर्ट
जुलाई 2025 से लेकर अगस्त 2025 तक बुध के वक्री होने का स्टॉक मार्केट पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। शेयर मार्केट भविष्यवाणी 2025 के ज़रिए आप जान सकते हैं कि बुध कर्क राशि में वक्री का शेयर मार्केट पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।
- बुध के कर्क राशि में वक्री होने के दौरान फार्मा सेक्टर, पब्लिक सेक्टर और आईटी इंडस्ट्री सभी मुश्किल दौर से गुज़र सकते हैं।
- हालांकि, बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, स्टील उद्योग, प्रिंटिंग और कागज़ उद्योग एवं चमड़ा उद्योग में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
- मार्केट में एक ही तरह की प्रवृत्ति देखने के बजाय कई तरह की परिस्थितियां देखने को मिल सकती हैं। आपने जिन इक्विटी में पहले से निवेश किया हुआ है, उन्हें बेचने में आपको सावधानी बरतनी चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं।
उत्तर. चंद्रमा को बुध का पिता बताया गया है।
उत्तर. बुध उत्तर दिशा के स्वामी हैं।