गुरु का मिथुन राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं गुरु का मिथुन राशि में गोचर से संबंधित यह खास ब्लॉग।

बता दें कि 04 दिसंबर, 2025 को बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसका सभी राशियों समेत देश-दुनिया पर भी गहरा प्रभाव देखने को मिलेगा। इस ब्लॉग में आगे विस्तार से यही बताया गया है कि गुरु के मिथुन राशि में वक्री होने पर किन राशियों के लोगों को लाभ होगा और देश-दुनिया पर इसका किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति विस्तार, बुद्धि और समृद्धि का कारक हैं। अक्सर शुभ ग्रह कहे जाने वाले बृहस्पति को विकास, आशावाद, विश्वास और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
गुरु ग्रह उच्च शिक्षा, फिलॉस्फी, अध्यात्म और सत्य की खोज को दर्शाता है। इसके साथ ही यह ज्ञान और अनुभव के ज़रिए लोगों को विकास एवं विस्तार करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। बृहस्पति हमारी आस्था और आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है। शुभ स्थान में होने पर गुरु ग्रह भाग्य, दयालुता और सफलता लेकर आता है।
वहीं अगर यह अशुभ स्थान में बैठा हो, तो इसकी वजह से यह अति आत्मविश्वास या अवास्तविक अपेक्षाओं की ओर लेकर जा सकता है। कुल मिलाकर, बृहस्पति विकास के सिद्धांत को दर्शाता है। यह हमें जीवन की संभावनाओं पर भरोसा करने के लिए प्रेरित करता है। यह ग्रह हमें ज्ञान को प्राप्त करने, रोमांच को अपनाने एवं गहरी समझ को विकसित करने के लिए उत्साहित करता है।
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गुरु का मिथुन राशि में गोचर: समय
04 दिसंबर, 2025 को रात 08 बजकर 39 मिनट पर बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। गुर एक शुभ ग्रह हैं जबकि इस ग्रह के लिए मिथुन तटस्थ राशि है और इस बार गुरु का वक्री होकर मिथुन राशि में प्रवेश करना ज्यादा सकारात्मक स्थिति नहीं है। आगे जानिए कि बृहस्पति के मिथुन राशि में होने की क्या विशेषताएं होती हैं।
गुरु का मिथुन राशि में गोचर: विशेषताएं
बृहस्पति ग्रह के मिथुन राशि में होने का मतलब है मिथुन राशि की जिज्ञासा, बुद्धिमत्ता और संचार कौशल का गुरु ग्रह की शानदार और उत्साह से भरपूर ऊर्जा के साथ मिलना। इस स्थिति में व्यक्ति के अंदर पढ़ने, दूसरों को शिक्षित करने, लिखने और अपने विचारों को साझा करने का जुनून देखा जा सकता है।
जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह मिथुन राशि में होता है, वे जातक अक्सर चतुर, स्पष्ट बोलने वाले और बदलाव को आसानी से स्वीकार करने वाले होते हैं। इनके अंदर चीज़ों या परस्थिति को अलग-अलग नज़रिए से देखने की क्षमता होती है।
जिनकी कुंडली में मिथुन राशि में बृहस्पति होता है, वे नई-नई चीज़ें सीखने, बातचीत करने और आतमनिरीक्षण से अपना विकास करते हैं। इन्हें नेटवर्किंग और लचीलेपन की वजह से अवसर प्राप्त होते हैं।
इनकी सबसे बड़ी चुनौती ध्यान बनाए रखना होता है। ये लोग अक्सर बहुत से कामों या रुचियों को एकसाथ कोशिश करते हैं जिससे उनकी ऊर्जा बंट जाती है या ये खुद को बहुत जगहों पर बांट देते हैं।
बृहस्पति का मिथुन राशि में होना संचार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि यह व्यक्ति को संवाद कौशल में उत्कृष्ट, जीवन को लेकर खुले और जीवंत विचार रखने एवं दुनिया को जानने की असीम जिज्ञासा प्रदान करता है।
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गुरु का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा अशुभ प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं और अब वह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बृहस्पति के इस गोचर के कारण आप अधिक आलसी हो सकते हैं जिसकी वजह से आप अपने कामों को टाल सकते हैं। इसके कारण आपको अपने कार्यक्षेत्र और जीवन के अन्य क्षेत्रों में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको आलसी करने से बचनें और कड़ी मेहनत करने पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
आप आध्यात्मिक मामलों में अधिक रुचि ले सकते हैं। आपको कई धार्मिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। आपके दोस्त आपका सहयाग करेंगे और आपको शानदार जगहों पर लेकर जा सकते हैं लेकिन आपको ये सभी चीज़ें करने में समस्याएं या अड़चनें आ सकती हैं। भाई-बहनों के साथ आपका रिश्ता मजबूत और गहरा होगा। इससे आपको भी खुशी मिलेगी। आप बिज़नेस में बार-बार प्रयास करने से प्रगति हासिल कर सकते हैं। बृहस्पति की सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि रखने की वजह से आपके वैवाहिक जीवन, व्यापार के क्षेत्र में प्रगति और समस्याओं का समाधान करने पर नकारात्मक असर पड़ेगा। आमदनी में भी कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं होगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के आठवें एवं ग्यारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति हैं जो कि अब इस राशि के दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बृहस्पति के प्रभाव से आपकी बातों में उत्साह और जोश बढ़ेगा। लोग आपकी बातों को ध्यान से सुनेंगे। लोग आपके पास मार्गदर्शन के लिए भी आ सकते हैं। पारिवारिक जीवन खुशहाल और संतोषजनक नहीं रहेगा लेकिन पैसों की बचत करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
हालांकि, आप थोड़ा-बहुत मुनाफा कमा सकते हैं। इसके बाद बृहस्पति की दृष्टि आपके छठे, आठवें और दसवें भाव पर पड़ेगी जिससे आपको अपने पैतृक व्यवसाय में प्रगति मिलने की संभावना है। अगर आप अपने परिवार के साथ कंपनी चलाते हैं, तो आपको उसका विस्तार करने का अवसर मिल सकता है लेकिन गुरु के वक्री होने पर आपको उन्नति प्राप्त करने में संघर्ष करना पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों को बड़ी मात्रा में धन कमाने अच्छे अवसर नहीं मिल पाएंगे। ससुराल वालों के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। आप धार्मिक कार्यों में शामिल हो सकते हैं और इससे आपको काफी सहयोग मिलने की संभावना है।
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कर्क राशि
कर्क राशि के छठे और नौवें भाव के स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं। अब बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। आप एनजीओ को दान दे सकते हैं। इसके अलावा आप पूजा-पाठ, धार्मिक और आध्यात्मिक यात्राओं के अलावा अन्य सामाजिक कार्यों पर धन खर्च करेंगे। आप कई अच्छे काम कर सकते हैं लेकिन गुरु के वक्री होने से आपको अपनी आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। हालांकि, बहुत ज्यादा प्रयास करने के बाद आपको सफलता मिलने की संभावना है।
आपके लिए लंबी दूरी और धार्मिक यात्राओं के योग बन रहे हैं लेकिन इसमें बहुत अड़चनें आ सकती हैं। अगर आप विदेश जाना या वहां पर बसना चाहते हैं, तो अपने सपनों को पूरा करने के लिए बार-बार प्रयास करने की वजह से आप चिड़चिड़े हो सकते हैं। इस समयावधि में आपको अपनी सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है। आपको फैट से संबंधित समस्याओं की वजह से पेट से जुड़े विकार होने की आशंका है। बृहस्पति की चौथे, छठे और आठवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है जिससे आपके कुछ खर्चे बढ़ सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि के चौथे और सातवें भाव का स्वामी बृहस्पति है जो कि अब इस राशि के ग्यारहवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में कुछ परेशानियां देखनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा आप अति आत्मविश्वासी हो सकते हैं जिससे आपके काम रुक सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपको सावधानी और समझदारी से काम लेना चाहिए।
जो काम आपको नहीं आता है, उसकी जिम्मेदारी लें और उसे सीखने के बाद आगे बढ़ें। यह परिवार की जिम्मेदारियां उठाने का समय है। बृहस्पति की आपके दूसरे, चौथे और छठे भाव पर दृष्टि है जिसकी वजह से आप पैसों की बचत करने के लए अत्यधिक प्रयास करेंगे लेकिन धन कमाने के बजाय आपको अधिक पैसों का नुकसान हो सकता है।
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तुला राशि
तुला राशि के तीसरे और छठे भाव पर बृहस्स्पति ग्रह का आधिपत्य है। गुरु का मिथुन राशि में गोचर के दौरान बृहस्पति आपके नौवें भाव में प्रवेश करेंगे। इस भाव में गुरु की उपस्थिति आपकी धार्मिक मान्यताओं को और ज्यादा मजबूत कर सकती है। आप आध्यात्मिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे लेकिन यहां पर भी आपको शांति नहीं मिल पाएगी। आप यात्राएं करेंगे और आध्यात्मिक उद्देश्यों से तीर्थयात्रा पर भी जा सकते हैं लेकिन गुरु के वक्री होने की वजह से आपको यात्रा के दौरान अड़चनें देखनी पड़ सकती हैं। जब तक आप कड़ी मेहनत और अधिक प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आपका काम पूरा नहीं हो पाएगा।
अगर आप अधिक प्रयास करते हैं, तो आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। भाई-बहनों के सहयोग से आपके काम काफी जल्दी पूरे हो सकते हैं। नौवें भाव में बैठा बृहस्पति आपके पहले, तीसरे और पांचवे भाव को देख रहा है जिससे आपको स्कूल और शिक्षा के मामले में सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पाएंगे और आपको अड़चनें देखनी पड़ सकती हैं। आप संतान सुख का अनुभव कर सकते हैं। यह समय संतान प्राप्ति की संभावना या संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार लाने वाला हो सकता है लेकिन नकारात्मक परिणामों या अड़चनों का सामना करने के बाद ही आपको संतान की प्राप्ति होने के संकेत हैं।
वृश्चिक राशि
इस राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं। आपके नौवें भाव में बृहस्पति का गोचर होने जा रहा है। यह गोचर आपके लिए लाभकारी नहीं रहने वाला है इसलिए आपको थोड़ा सावधान रहना चाहिए। कार्यक्षेत्र में आपको कुछ अड़चनें देखनी पड़ सकती हैं। आपके काम अटक सकते हैं। आध्यात्मिक कार्यों में रुचि रखने और अच्छे आध्यात्मिक अनुभव होने के बावजूद आपको आर्थिक तंगी से गुज़रना पड़ सकता है।
इस समय आपको वित्तीय नुकसान होने का भी डर है। स्वास्थ्य में गिरावट आने की वजह से समस्याएं आ सकती हैं। बृहस्पति की आपके दूसरे, चौथे और बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि पड़ रही है। ऐसे में आपको ससुराल वालों की ओर से अशुभ समाचार मिल सकता है। आपके खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
गुरु का मिथुन राशि में गोचर: उपाय
- आप नियमित रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- आप बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखें और प्रसाद में गुड़-चना बांटें।
- सकारात्मक परिणाम पाने के लिए गायों की सेवा करें।
- अच्छे परिणाम और सकारात्मकता पाने के लिए हर गुरुवार को हवन करें।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
गुरु का मिथुन राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में रुचि
- गुरु के मिथुन राशि में वक्री होने के दौरान भारत में आध्यात्मिक कार्यों में लीन लोगों की संख्या बढ़ सकती हैं। इससे अपने आप ही लोगों की अध्यात्म और शांति की ओर रुझान बढ़ेगा।
- इस समयावधि में लोगों के अंदर आत्मज्ञान प्राप्त करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
- इससे वे धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानने और गूढ़ विज्ञान से संबंधित कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।
- इसके साथ ही तेल, घी और सुगंधित तेलों की कीमत में कमी देखने को मिल सकती है।
- इससे आम जनता राहत की सांस लेगी।
- इसके अलावा धार्मिक या आध्यात्मिक कार्यों में उपयोग होने वाले सुगंधित उत्पादों जैसे कि इत्र या परफ्यूम आदि और फूलों पर आधारित ऑर्गेनिक उत्पादों के निर्यात की मांग बढ़ सकती है।
सरकारी अधिकारी और न्यायपालिका
- मंत्री और सरकार में ऊंचे पदों पर बैठे लोग देश की वर्तमान की जरूरतों के हिसाब से नए नियम या नीतियां बना सकते हैं।
- न्यायपालिका अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकती है एवं जनता और राष्ट्र के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
- वैश्विक स्तर पर जिन देशों के बीच युद्ध की स्थिति चल रही है, वहां पर शांति और न्याय की स्थापना की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। इस दौरान कई युद्ध भी समाप्त हो सकते हैं।
- साथ ही मंत्री और सरकारी अधिकारी सावधानी और समझदारी भरे बयान देते हुए नज़र आएंगे क्योंकि मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर व्यक्ति के विचारों और व्यवहार में परिपक्वता लेकर आता है।
शिक्षा और अन्य संबंधित क्षेत्र
- शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग जैसे कि काउंसलर, शिक्षक, प्रशिक्षक और प्रोफेसर आदि को इस गोचर से लाभ होगा लेकिन उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में अनिश्चित या प्रतिकूल समस्याएं भी देखनी पड़ सकती हैं।
- लेखक और फिलॉस्फर अपने शोध, थीसिस या रचनात्मक कार्यों को पुनर्गठित करते हुए उन्हें और गहराई एवं स्पष्टता देने की कोशिश करेंगे।
- इस गोचर से शोधकर्ता, सलाहकार और वैज्ञानिकों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि इस गोचर के प्रभाव से उनकी सोचने की क्षमता और नए विचारों को लेकर दृष्टिकोण बेहतर होगा। इससे वे मुश्किल समस्याओं को सुलझाने के लिए नए और प्रभावी समाधान खोज पाएंगे।
- इस समय चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति और सुधार देखने को मिल सकते हैं।
गुरु का मिथुन राशि में गोचर: स्टॉक मार्केट रिपोर्ट
बृहस्पति का गोचर सबसे महत्वपूर्ण गोचरों में से एक होता है और इसका असर स्टॉक मार्केट पर भी देखने को मिलेगा। शेयर मार्केट भविष्यवाणी से जानते हैं कि गुरु का मिथुन राशि में गोचर होने का स्टॉक मार्केट पर क्या असर देखने को मिलेगा।
- सार्वजनिक क्षेत्र, सीमेंट उद्योग, ऊनी मिलों, लोहा, इस्पात और आवास के क्षेत्र में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
- दवा उद्योग, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर उद्योग, उर्वरक और बीमा के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधन, परिवहन कंपनियों, कपास की मिलों, फिल्म उद्योग और प्रिंटिंग आदि क्षेत्रों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
- मेडिकल और लीगल कंपनियां अधिक धन कमा सकती हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धनु और मीन राशि।
सूर्य और मंगल ग्रह।
नहीं, ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के साथ तटस्थ हैं।