शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: मेष सहित आठ राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ!

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: मेष सहित आठ राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का वृषभ राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि शुक्र के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। 

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बता दें कि शुक्र का वृषभ राशि में गोचर 29 जून 2025 को होगा। ज्योतिष में शुक्र ग्रह सुंदरता, प्रेम और आकर्षण का प्रतीक माना जाता है और जब तुला व वृषभ राशि में होते हैं तो यह बहुत मजबूत स्थिति मानी जाती है। इस स्थिति में शुक्र व्यक्ति में खूबसूरती, नजाकत और स्टाइल की गहरी समझ देता है। ऐसी राशियों के जातकों में अक्सर विशेष शारीरिक खूबियां देखने को मिलती हैं, जैसे-लंबी पलकों वाली बड़ी-बड़ी आंखें, भरे हुए होंठ, मुलायम त्वचा, चमकदार बाल और पतली कमर। ये सब शुक्र ग्रह की खूबियां मानी जाती है, जिन्हें महिलाएं अक्सर अलग-अलग तरीकों से उभारने की कोशिश करती हैं।

जब शुक्र मीन राशि में होते हैं, जो इसकी उच्च राशि मानी जाती है, तो यह जातक को सूक्ष्मता और आध्यात्मिकता जैसी विशेषताएं भी देता है। इस स्थिति में शुक्र केवल बाहरी सुंदरता ही नहीं, बल्कि भीतर की कोमलता और आत्मिक आकर्षण भी दर्शाता है।

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: समय

सुख, समृद्धि, प्रेम, सौंदर्य, विलासिता, और वैवाहिक जीवन के कारक ग्रह शुक्र 29 जून 2025 की दोपहर 01 बजकर 56 मिनट पर अपनी राशि वृषभ में गोचर करेंगे। शुक्र यहाँ सहज रहेंगे और अच्छा प्रदर्शन करेंगे तथा निश्चित रूप से अधिकांश राशियों के लिए सकारात्मक साबित होंगे। आइए देखें कि यह अवधि किन जातकों के लिए शुभ साबित होंगी और किन जातकों के लिए अशुभ।

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: इन जातकों के लिए साबित होगा शुभ

मेष राशि

शुक्र ग्रह इस समय वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, जो आपकी दूसरे भाव में स्थित होगा। शुक्र आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। चूंकि शुक्र अपनी ही राशि वृषभ में हैं इसलिए इसका प्रभाव सकारात्मक और शुभ माना जाएगा। हालांकि शनि की तीसरी दृष्टि इस भाव पर पड़ रही है, जिलले थोड़ी मुश्किलें भी आ सकती हैं, लेकिन शुक्र इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने की पूरी कोशिश करेगा। इस गोचर के दौरान मेष राशि वालों को नए कपड़े, गहने खरीदने की इच्छा हो सकती है।

संगीत और कला के प्रति आपका रुझान बढ़ सकता है और आप अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने का ज्यादा मौका पाएंगे। इस अवधि अच्छी कमाई के योग हैं और सरकारी कामों से फायदे भी होंगे।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं और शुक्र का गोचर आपके पहले भाव में होगा। यह अवधि आपके लिए शुभ व लाभकारी साबित होगी। साथ ही, यह शनि के नकारात्मक प्रभावों को भी कम करेगा। इस समय आपको सफलता, मान-सम्मान और आर्थिक लाभ मिलेगा। छात्रों के लिए यह समय विशेष रूप से साहित्य और कला की पढ़ाई में सफलता दिलाने वाला होगा। 

जिन लोगों की शादी में रुकावटें आ रही थी, उनके लिए शादी से जुड़ी बातों में प्रगति हो सकती है। रोमांटिक संबंधों में भी खुशियां बढ़ेंगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और व्यवसाय में भी लाभ मिलेगा।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा, जो कि लाभ का भाव माना जाता है। शुक्र की यह स्थिति आमतौर पर बहुत लाभकारी मानी जाती है और जब यह अपनी ही राशि में हो, तो फायदे और भी बढ़ जाते हैं। इस गोचर से आपको जमीन-जायदाद, वाहन और प्रॉपर्टी से जुड़ी चीजों में लाभ हो सकता है। 

यात्रा के योग भी बन सकते हैं और आप इन यात्राओं का आनंद लेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आय में बढ़ोतरी होगी। जो लोग प्रॉपर्टी, वाहन या रियल एस्टेट से जुड़े क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उन्हें अच्छे अवसर मिलेंगे। आपके भाई-बहनों और दोस्तों का पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही, मां से जुड़ी चिंताएं भी कम होंगी।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का गोचर आपके नौवें भाव में होगा। यह गोचर बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि शुक्र अपनी ही राशि में है और भाग्य के भाव में स्थित है। इस समय भाग्य आपका साथ देगा और आपकी मेहनत का अच्छा फल मिलेगा। आपको किसी भी काम में सफलता पाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि किस्मत भी आपका साथ देगी।

सरकारी या प्रशासनिक काम आसानी से पूरे होंगे। धार्मिक यात्राओं के योग बन सकते हैं।  परिवार और भाग्य के लिहाज से बहुत अच्छा रहेगा।

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तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके लग्न व आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का गोचर आपके आठवें भाव में होगा। यह गोचर थोड़ा चुनौतीपूर्ण माना जा सकता है लेकिन शुक्र एक ऐसा ग्रह है, जो यां भी अच्छे परिणाम देगा, खासकर जब वह अपनी ही राशि में हो। यदि पिछले कुछ समय से किसी परेशानी या रुकावट का सामना कर रहे हैं, तो वह अब समाधान मिलने की संभावना है।

आर्थिक लाभ मिलने के संकेत हैं, लेकिन ध्यान रखें कि सफलता के लिए आपको धैर्य बनाए रखना होगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, खासकर यात्रा करते समय या वाहन चलाते हुए। यदि आप धैर्य और समझदारी से काम लेंगे तो ये गोचर आपके लिए अच्छा साबित होगा।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। छठा भाव शुक्र के लिए थोड़ा प्रतिकूल माना जाता है, लेकिन शुक्र अपनी ही राशि में होने के कारण नकारात्मक असर कम करेगा। इस दौरान आपको सलाह दी जाती है कि बेवजह के झगड़ों या विवादों से बचें। खासकर अगर किसी महिला से बहस की स्थिति बने तो शांति से पेश आएं।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें, खानपान संतुलित हो और नियमित दिनचर्या बनाए रखें। यदि आप संयम से काम लेंगे तो यह समय संतुलित और लाभकारी साबित होगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में चौथे भाव में शुक्र का गोचर बहुत अच्छा माना गया है। इस समय आप अपने घर, वाहन या प्रॉपर्टी से जुड़े लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। परिवार के सदस्यों के साथ संबंध बेहतर होंगे और सामाजिक जीवन में भी सकारात्मकता रहेगी। मानसिक रूप से आप खुद को शांत, संतुष्ट और संतुलित महसूस करेंगे।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी है और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। यह भाव पराक्रम, भाइयों, बहनों और प्रयासों से जुड़ा है और शुक्र यहां आमतौर पर सकारात्मक फल देता है। इस गोचर के दौरान भाई-बहनों और दोस्तों के साथ रिश्ते मजबूत होंगे। आप नई दोस्तियां भी बनाएंगे। 

प्रतिद्वंद्वियों पर विजय पाने में भी आप सफल होंगे। यह गोचर आपके पहले भाव में स्थित शनि के नकारात्मक असर को भी कम करेगा। जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में आपको सकारात्मक समाचार मिल सकते हैं और समृद्धि और मानसिक संतोष महसूस होगा।

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। बारहवें भाव में शुक्र का गोचर कुछ मामलों में लाभकारी माना जाता है लेकिन इस बार क्योंकि पांचवें भाव के स्वामी बारहवें भाव में जा रहा है इसलिए कुछ परेशानियां आ सकती है। इस समय आप खुद को अपनों से दूर पा सकते हैं। हो सकता है कि आपको किसी दूर स्थान की यात्रा करनी पड़े, चाहे आप चाहें या नहीं।

हालांकि व्यवसाय से जुड़ी यात्राएं लाभदायक रहेंगे। जो लोग विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अच्छी खबर ला सकता है। इस दौरान मनोरंजन और खर्चों में बढ़ोतरी होगी। आप आराम, फैशन, मौज-मस्ती जैसी चीज़ों पर ज्यादा ध्यान देंगे। लेकिन इसी कारण से पढ़ाई या महत्वपूर्ण कामों पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है इसलिए संयम और संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: उपाय

  • ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • हर शुक्रवार को व्रत रखें, खीर बनाकर गरीबों में बांटें और खुद भी खाएं।
  • लक्ष्मी मां की पूजा करें और मंदिर में उन्हें पांच लाल फूल चढ़ाएं।
  • जरूरतमंदों की मदद करें।
  • सफेद और गुलाबी रंग के कपड़े दान करें।
  • अक्सर सफेद रंग पहनें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. शुक्र के लिए मूलत्रिकोण राशि कौन सी है?

तुला राशि

2. कौन से ग्रह शुक्र के मित्र हैं?

बुध और शनि

3. कौन सा पंच महापुरुष योग तब बनता है जब शुक्र केंद्र में अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो?

मालव्य योग